प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से बात की, अमेरिकीे हमले के बाद दुनिया में मची खलबली:-


            ग्राम स्वराज्य (हिन्दी दैनिक)


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, "हमने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की। हाल ही में हुई तनातनी पर गहरी चिंता व्यक्त की। आगे बढ़ने के लिए तत्काल तनाव कम करने, बातचीत और कूटनीति के लिए अपना आह्वान दोहराया और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता की जल्द बहाली की बात कही।" पाकिस्तान ने की निंदा अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की पाकिस्तान ने ना सिर्फ निंदा की है, बल्कि यह भी कहा है कि तेहरान को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच किया था। इसके बाद अमेरिका को पाकिस्तान से समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन हुआ इसे ठीक विपरीत। पाकिस्तान से इसे अतंर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना है। 

पाकिस्तान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका का हमला गलत है। यह अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। ईरान को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।’ पिछले महीने भारत-पाकिस्तान गतिरोध में कूटनीतिक हस्तक्षेप का दावा करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा करने और उन्हें 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए समर्थन देने के एक दिन बाद ही पाकिस्तान ने अपना स्टैंड बदल लिया है। ईरान के परमाणु स्थलों पर वाशिंगटन के सैन्य हमलों की तीखी आलोचना की है। 

आपको बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने रविवार को तड़के ईरान के तीन प्रमुख स्थलों - फोर्दो, नतांज और इस्फाहान पर हमले किये, जिसमें तेहरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया गया ताकि उसकी क्षमताओं को कम किया जा सके। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम क्षेत्र में तनाव के और बढ़ने की संभावना से बहुत चिंतित हैं। ईरान के खिलाफ चल रही आक्रामकता के कारण तनाव और हिंसा में अभूतपूर्व वृद्धि बेहद परेशान करने वाली है। तनाव के और बढ़ने से क्षेत्र और उससे आगे के लिए गंभीर रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ेंगे। हम दोहराते हैं कि ये हमले अंतर्राष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अपनी रक्षा करने का वैध अधिकार है।” 

 अमेरिका ने खतरनाक युद्ध शुरू कर दिया तीन परमाणु ठिकानों पर हुई बमबारी के बाद ईरान अमेरिका व इजरायल को बख्शने के मूड में नहीं दिख रहा। एक तरफ जहां सुप्रीम लीडर खामेनेई के करीबी अमेरिकी नौसेना के बेड़ों को निशाना बनाने की बात कह रहे हैं तो ईरान ने हमले के बाद इजरायल को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया। ईरान ने इजरायल के 10 बड़े शहरों पर मिसाइल से हमले किए। वहीं, अब ईरान के विदेश मंत्रालय ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि परमाणु स्थलों पर हमला करके अमेरिका ने खुद ईरान के खिलाफ एक खतरनाक युद्ध शुरू कर दिया है। 

ईरानी विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है, ''अब, उस शासन के गैरकानूनी और आपराधिक कृत्यों को पूरा करते हुए, अमेरिका ने इस्लामी गणराज्य ईरान के खिलाफ एक खतरनाक युद्ध शुरू कर दिया है।'' इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ईरान के विदेश मंत्री ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का गंभीर उल्लंघन किया है। 

अमेरिका ने बी-2 बॉम्बर विमान के जरिए ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट्स पर बमबारी की थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ईरान के फोर्दो, इस्फहान और नातांज परमाणु स्थलों पर रात भर किये गये 'बड़े पैमाने पर सटीक हमलों' की घोषणा की। इसे 'शानदार सैन्य सफलता' बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने परमाणु स्थलों को 'पूरी तरह से नष्ट कर दिया'। उन्होंने कहा कि ईरान को अब शांति स्थापित करनी होगी। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने भी हमलों की पुष्टि की, लेकिन जोर देकर कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं किया जायेगा। ईरान और संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी एजेंसी ने कहा कि हमलों के बाद तीनों स्थानों पर न्यूक्लियर रेडिएशन के तत्काल कोई संकेत नहीं मिले हैं। 

ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद इजरायल-ईरान युद्ध के क्षेत्र में फैलने की आशंका के मद्देनजर रविवार को विभिन्न देशों ने कूटनीतिक समाधान तलाशने और संयम बरतने की अपील की। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि वह ईरान के खिलाफ युद्ध में इजरायल का साथ देने के बारे में दो सप्ताह में फैसला लेंगे। अमेरिका के हमलों के बाद विभिन्न देशों और संगठनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने रविवार को सभी पक्षों से वार्ता की ओर लौटने का आग्रह किया। चीन के सरकारी मीडिया ने सवाल किया कि क्या अमेरिका ईरान में वही गलती दोहरा रहा है, जो उसने इराक में की थी। चीन के सरकारी प्रसारक की विदेशी भाषा शाखा 'सीजीटीएन' के ऑनलाइन लेख में कहा गया है कि अमेरिकी हमले एक खतरनाक मोड़ को दर्शाते हैं।
और नया पुराने