बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जो हिंसा हो रही है, ऐसे में इस विमान की तैनाती जरूरी थी। प्रधानमंत्री शेख हसीना भी देश छोड़ चुकी हैं। यह विमान असल में बॉम्बार्डियर ग्लोबल 5000 बिजनेस जेट का मॉडिफाइड वर्जन है। यानी इसमें कई तरह के डेटा जमा करने के यंत्र लगाए गये हैं। खास तौर से इंटेलिजेंस डेटा इसमें EL/I-3001 एयरबॉर्न इंटीग्रेटेड सिग्नल इंटेलिजेंस सिस्टम लगा है, जिसे इजरायल ने डेवलप किया है। यह किसी भी तरह के सिग्नल को ट्रैक कर सकता है। चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल हो या फिर कम्यूनिकेशन के लिए इस्तेमाल होने वाला सिग्नल यानी बांग्लादेश की सीमा पर होने वाले सभी तरह के संचार पर भारत की नजर होगी।
यह विमान किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक या कम्यूनिकेशन या राडार से निकलने वाले सिग्नल को इंटरसेप्ट कर सकता है। यानी उसकी जांच कर सकता है. उसे रोक सकता है। कुल मिलाकर भारत इस विमान के सहारे बांग्लादेश में इस समय हो रहे सभी प्रकार के संचार को ट्रैक कर सकता है। ताकि जरूरत पड़ने पर रणनीति बनाई जा सके।
इस विमान में रेसेलाइट रीकॉन्सेंस पॉड लगा है, जो हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरें ले सकता है। इसके अलावा कई अन्य प्रकार की इंटेलिजेंस संबंधित फोटो निकाल सकता है। भारत के पास ऐसे दो विमान हैं, जो दिल्ली के पालम एयर फोर्स स्टेशन पर तैनात रहते हैं। ये दिल्ली से लखनऊ-पटना होते हुए बांग्लादेश सीमा तक पहुंचे हैं।