यूके में बैठकर भारत के लोगों को चूना लगाने वाले इस गिरोह ने उत्तर भारत के कुछ लोगों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया। जालसाजों ने एक नकली वेबसाइट का सहारा लिया। शुरुआत में अपने निवेश पर शानदार रिटर्न से कपल रोमांचित हो उठे। कुछ महीनों के बाद दोनों ने अपने धन का एक हिस्सा निकालने का प्रयास किया। हालांकि वह इसमें असफल रहे। वेबसाइट ने अचानक काम करना बंद कर दिया। इसके बाद कपल को इस धोखाधड़ी का पचा चला और वे पुलिस के पास पहुंचे। घोटाले के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने सावधानी पूर्वक जांच की। बैंक अधिकारियों के साथ समन्वय करके सफलतापूर्वक पैसे के लेन-देन के बारे में पता लगाया। इस घोटाले में शामिल 50 से अधिक खातों को फ्रीज कर दिया।
तत्परता से की गई कार्रवाई की वजह से ठगी की गई अधिकांश राशि कपल के वापस मिल गई।एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "हर साइबर अपराध के मामले में जांच दल तीन नियमों का पालन करता है। पैसे के लेन-देन का पता लगाना और खातों को ब्लॉक करना, शिकायतकर्ता से समय पर जानकारी प्राप्त करना और शिकायत को सही समय के भीतर दर्ज करवाना। इसके अलावा, काम को तेजी से पूरा करने के लिए बैंक अधिकारियों के साथ समन्वय और तालमेल बनाए रखना जरूरी है।" पुलिस ने लोगों से ऑनलाइन निवेश के दौरान सावधानी बरतने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया है।