लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लगभग एक हफ्ते बिजली संकट बरकरार रहेगा। ग्रामीण इलाकों में 5 से 6 घंटे कटौती हो सकती है। लगभग 6 घंटे मुख्य आपूर्ति ठप होने का मतलब है कि संबंधित क्षेत्र में लोकल फाल्ट और अन्य कार्यों को मिलाकर 10 घंटे से अधिक बिजली नहीं मिल पाएगी। क्योंकि जब 18 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया जाता है तो अधिकतर ग्रामीण इलाके में 10 से 15 घंटे ही बिजली मिलती है।
यूपी की चार उत्पादन इकाइयों में रविवार शाम गड़बड़ी आ गई है। दो उत्पादन इकाइयों के बॉयलर में गड़बड़ी आई है तो एक में अन्य तकनीकी खराबी बताई जा रही है। एक इकाई में कोयले की आपूर्ति कम होने के कारण उत्पादन ठप है। ऐसे में यूपी में होने वाले कुल उत्पादन में लगभग ढाई हजार मेगावाट की गिरावट आई है।
इस दौरान बिजली की खपत लगभग 21000 मेगावाट है, लेकिन उमस बढ़ने से यह खपत 24000 मेगावाट तक जा सकती है। एक तरफ जहां घरेलू उत्पादन कम हुआ है तो दूसरी तरफ खपत बढ़ी है।
हालात को देखते हुए पावर कॉरपोरेशन ने कटौती शुरू कर दी है। मंगलवार को अधिकृत रूप से कुछ इलाकों में डेढ़ से 2 घंटे तो कुछ इलाकों में तीन से चार घंटे तक बिजली कटौती की गई।
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