लखनऊ। यूपी पुलिस के सीबीसीआईडी में जांच बदलने का अनोखा खेल हुआ उजागर हुआ है। गोंडा में दलित बुजुर्ग के हत्याकांड में वादी मुकदमा का फर्जी अंगूठा लगाकर 6 साल में 14 बार बदली गई जांच। फर्जी अंगूठा लगाकर जांच बदलने का खेल तब हुआ उजागर जब नामजद आरोपियों को क्लीन चिट देकर पीड़ित परिवार के मददगारों को ही फँसाना शुरू कर दिया.
प्रमुख सचिव गृह ने जांच बदलने के खेल पर दिए जांच के आदेश। पूछा – कैसे बदल गई 14 बार जांच? कौन है शामिल? कार्रवाई करके बतायें। पत्र वायरल है। जिसमे लिखा है कि अवगत कराया गया है कि अपने पति की हत्या में दर्ज मु0अ0सं0-238/2017, जिसकी विवेचना सी०बी०सी०आई०डी०, प्रयागराज में प्रचलित है।
अभियुक्तगण द्वारा कूटरचित षडयन्त्र के तहत फर्जी अंगूठा लगाकर दस्तावेज तैयार कर बिना आवेदिका की जानकारी के 14 बार विवेचना स्थानान्तरित की गयी। आवेदिका ने विवेचनाधिकारी परिवर्तित कर निष्पक्ष जाँच कराते हुए न्यायसंगत कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
मामले की जानकरी होने के बाद प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि बिना वादी की जानकारी के 14 बार विवेचना स्थानान्तरित करना एक गंभीर कृत्य है। कृपया प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराकर शीघ्र न्यायसंगत कार्यवाही कर आख्या उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की गयी है।
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