✓पहले दिन ज्ञापन दुसरे दिन मौन जुलुस निकाल पत्रकार पहुचे शहीदों की शरण में
एटा। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पत्रकारों की कलम को बंदिशों में बाधने बाले हाल ही में जारी किये गये आदेश के बाद हर तरफ पत्रकारों में विरोध होनें लगा हैं, शासन द्वारा जारी आदेश को पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की आजादी पर बंदिश लगाना मान रहे हैं, इसी के तहत पत्रकारों में आक्रोश पनप रहा हैं और वो आजाद भारत में अभिव्यक्ति की आजादी की सोच से पत्रकारों की कलम को स्वतंत्र रखने हेतु जारी आदेश बापसी की माँग करने लगे हैं।
हालांकि उत्तर प्रदेश के जनपद एटा से विरोध की शुरुआत हो चुकी हैं | एटा में शासन के आदेश जारी होनें के बाद आक्रोशित पत्रकारों ने बबलू चक्रबर्ती के नेतृत्व में सर्व प्रथम प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक मांगपत्र जिलाधिकारी के प्रतिनिधि एसडीएम को सौपा, उसके बाद दुसरे दिन पत्रकारों ने तय रणनीति के तहत शहर के शहीद पार्क स्थिति शहीदे आजम सरदार भगत सिहं की प्रतिमा के समक्ष काली पट्टी बाँध कर सवैधानिक तरीके से मौन जुलुस निकाला।
पत्रकारों का जुलूस जीटी रोड होते हुये घंटाघर महात्मा गाँधी और उसके बाद हाथी दरबाजा स्थित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर पहुचा जहाँ पत्रकारों ने देश को आजाद कराने बाले क्रांतकारी बलिदानियों के समक्ष मौन जुलुस का समापन कर अपनी ब्यथा सुनाई, उसके बाद सभी पत्रकार जिला कलेक्ट्रेट धरना स्थल पर जा पहुचे जहाँ उन्होंने एक सभा की और पत्रकारों के प्रति सरकार द्वारा किये जा रहे बर्ताव को अत्यंत दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये पत्रकार समाज के प्रति सहयोगात्मक कार्य करने की अपील की |
इस मौके पर नेतृत्वकर्ता बबलू चक्रबर्ती, दिनेश चन्द्र शर्मा, आदित्य सक्सेना, अमित माथुर, राजीव मिश्रा, संदीप दीक्षित, पवन चतुर्वेदी, करन प्रताप, ज्ञानेश कुमार, अनुज मिश्रा, सचिन यादव, प्रवीन पाठक, हेमेन्द्र गुप्ता, सुनील कुमार गौतम, चंचल लोधी, अमित गुप्ता, शहरोज मिर्जा, अमित कुमा, हिमांशु तिवारी, मनोज कुमार तिलकराज, हरिकेश पुष्पेन्द्र यादव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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