भूमाफियाओं ने धोखे से बेच दी विवादित जमीन, 13 वर्षो से न्याय की गुहार लगा रहा है भूतपूर्व सैनिक


गोरखपुर। भूमाफियाओं के नए नए कारनामों का खुलासा तो आए दिन होता ही रहता है, लेकिन सबसे बड़ा सच तो ये है की भू राजस्व विभाग की मिलीभगत के बिना कोई भी धोखाधड़ी संभव नहीं है। 

भूमाफियाओं और भू राजस्व विभाग की मिलीभगत से एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला गोरखपुर के वार्ड महादेव झारखंडी टुकड़ा न. 3 से सामने आया है जहां भूमाफियाओं ने धोखे से एक विवादित जमीन भूतपूर्व वायुसेना अधिकारी को बेचकर रजिस्ट्री के साथ ही दाखिल खारिज तक करा दिया लेकिन जब जमीन के खरीददार अपनी जमीन पर कब्जा करने पहुंचे तो पता चला की वह जमीन तो पहले से ही विवादित है उसका मुकदमा न्यायालय में लंबित है। 

गोरखपुर शहर के वार्ड महादेव झारखंडी टुकड़ा न. 3 के सैनिक कुंज मोहल्ला निवासी वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद से रिटायर्ड कैलाश सिंह ने सेवानिवृत होने के बाद अपनी जीवन भर की कमाई लगाकर दिनांक 10-03-2010 को अपनी पत्नी श्रीमती मीना देवी के नाम से गोरखपुर के महादेव झारखंडी टुकड़ा न.3 में खतौनी सन 1410-15फ के खाता संख्या 859 के खसरा संख्या 746/1/1  कुल रकबा 1-923 हे.ए में से रकबा 1962 वर्ग फुट जमीन 5 लाख 80 हजार रुपए में खरीदा। जिसे धोखाधड़ी करते हुए स्थानीय प्रॉपर्टी डीलर सतीश शर्मा पुत्र स्व. राम जनम शर्मा निवासी सैनिक विहार, नंदानगर तथा उनके सहयोगी गण धर्मेंद्र यादव पुत्र राम मूरत यादव निवासी नया टोला, नंदानगर तथा विजय यादव उर्फ पप्पू यादव पुत्र स्व. शंकर यादव निवासी दरगहिया, नंदानगर ने संयुक्त रूप से बेचा था। जबकि यह जमीन मूल रूप से मियां साहब की थी जिसकी पावर ऑफ अटॉर्नी उन्होंने अपने मैनेजर जमाल अहमद पुत्र इकबाल अहमद निवासी बैंक रोड को दे दिया था। अत: ये सभी भू माफिया मैनेजर जमाल अहमद को मिलाकर उसके द्वारा रजिस्ट्री कराया करते थे।


बता दें कि रिटायर्ड वायुसेना अधिकारी कैलाश सिंह जमीन का रजिस्ट्री तथा दाखिल खारिज पूरा होने के बाद निश्चिंत हो गए तथा अपने स्वास्थ्य कारणों से ज्यादातर समय दिल्ली में अपने बेटे के पास रहते थे। लेकिन जब अपनी खरीदी हुई जमीन पर एक दिन पेड़ लगाने के उद्देश्य से मजदूरों को लगाए तो उन्हें यह कहते हुए रोक दिया गया की यह जमीन विवादित है और इसका न्यायालय में केस संख्या 364/07 चल रहा है।

अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी होने पर भूतपूर्व वायु सैनिक कैलाश सिंह ने पुलिस से गुहार लगाई तथा थाना शाहपुर में उक्त सतीश शर्मा तथा उसके सहयोगियों पर दिनांक 08-04-2022 को एफआईआर संख्या 150/22 दर्ज कराया जिसमें आईपीसी की धारा 420, 418 तथा 120 बी दर्ज की गई।


बता दें कि उक्त भूमाफियाओं पर एफआईआर दर्ज हुए आज 16 माह बीत जाने के बाद भी गोरखपुर पुलिस की लापरवाही के चलते 77 वर्षीय वयोवृद्ध भूतपूर्व वायुसेना अधिकारी कैलाश सिंह न्याय की आस में पुलिस विभाग के चक्कर काटने पर मजबूर हैं।

जिस सीएम सिटी गोरखपुर में वायुसेना के एक भूतपूर्व अधिकारी को न्याय के लिए पिछले 16 महीने से दर दर भटकना पड़े तो पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना तो लाजिमी है। साथ ही भू राजस्व विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठता है की ऐसी विवादित जमीन जिसका मुकदमा पहले से न्यायालय में चल रहा हो उस जमीन की रजिस्ट्री तथा दाखिल खारिज कैसे संभव हुआ।

ज्ञात हो की पुलिस की निष्क्रियता के चलते उक्त भूमाफिया आज भी खुलेआम जमीन की धोखाधड़ी की दुकान धड़ल्ले से चला रहे हैं और आए दिन भोले भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।

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