दिल्ली की शिक्षा नीति बनाने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। आतिशी को केजरीवाल और सिसोदिया दोनों का विश्वासपात्र माना जाता है। करीब 18 विभागों को संभाल रहीं आतिशी के पास अब प्रशासन का अच्छा अनुभव है। वह पार्टी के पक्ष को मजबूती से मीडिया के सामने रखती रही हैं।
आतिशी को सीएम बनाकर केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव से पहले आधी आबादी को भी साधने की कोशिश की है। कथित शराब घोटाले में कई महीनों तक जेल में रहने के बाद बाहर निकले केजरीवाल ने रविवार को इस्तीफे की घोषणा की थी। वह मंगलवार शाम एलजी वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। केजरीवाल ने कहा है कि वह तब तक दोबारा सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक चुनाव जीतकर जनता से ईमानदारी का सर्टिफिकेट हासिल नहीं कर लेते हैं।
2020 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 62 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार बनाई थी। केजरीवाल ने लगातार तीसरी बार राजधानी में मुख्यमंत्री का पद संभाला था। लेकिन 2021-22 में बनी शराब नीति को लेकर पार्टी मुश्किलों में घिर गई। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा।