बांसगांव (गोरखपुर)। स्थानीय तहसील में तैनात तहसीलदार नरेंद्र कुमार के कार्य शैली को लेकर जनता सहित दस्ताबेज लेखकों एवं अधिवक्ताओ में आक्रोश ब्याप्त है।
ग्राम गजपुर निवासी परमानन्द बाजपेई, बांसगांव कचहरी के दस्तावेज लेखक सन्त प्रसाद यादव, अधिवक्ता राजेश सिह ने बताया कि तहसीलदार कमजोर सवर्ण जाति के लिए जारी होने वाले ई डब्लू यस में लेखपाल, कानूनगो की रिपोर्ट लगने के बाद इस आधार पर रिजेक्ट कर दे रहे है कि किसी पत्नी को माता पिता के आर्थिकता का विबरण उसके मायके से मंगाया जाय। यही नही दाखिल खारिज के दस्तावेज में बैक लोन को जमा होने के बावजूद नई खतौनी दाखिल करने पर भी, दाखिल खारिज आदेश के लिए महीनों चक्कर लगाना पड़ रहा है।
एडवोकेट राजेश सिह ने आरोप लगाया कि जिन पत्रावलियों ने कोई पक्षकार आपत्ति दाखिल करने का अवसर चाह रहा है उसे बिना सुने ही अवसर समाप्त कर दाखिल खारिज आदेश पारित कर दे रहे है तथा जिन पत्रावलियों में बहस सुन ले रहे है उसे काफी समय तक आदेश नही पारित कर रहे है बल्कि पक्षकारों को इंतेजार करा रहे है। इस प्रकार तहसीलदार की कार्य शैली के प्रति लोगो में आक्रोश ब्याप्त है।
उपजिलाधिकारी बांसगांव प्रदीप सिंह ने पूछे जाने पर बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। तहसीलदार को तलब कर उन्हें कार्य शैली में सुधार लाने की हिदायत दी जाएगी।
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