गोरखपुर। पर्यटन की दृष्टि से गोरखपुर का गोरखनाथ मंदिर सौन्दर्य का हब माना जाता रहा है। बड़ी आस्था, उम्मीद और संकल्प ले करके गोरखनाथ मंदिर में बाबा गुरु गोरखनाथ के दर्शन के लिए दूर दराज से लोग आते हैं। ऐसे में नियम कानून जान लेना बेहद अहम हो चला है क्योंकि अब वह गोरखनाथ मंदिर केवल दर्शन मात्र के लिए नहीं रहा बल्कि देश के शक्तिशाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल के मुताबिक बिना इजाजत के यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता। मुख्यमंत्री के गैर मौजूदगी में भी यह नियम बड़े शक्ति से पालन करवाया जा रहा है।
अगर आप गोरखनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं तो केवल मेन गेट से ही प्रवेश मिलेगा और अगर आप किसी भी गेट से बाहर निकल गए तो दोबारा आपको वहां से आपको एंट्री नहीं मिलेगी। फोटो लेना अब है प्रतिबंधित ।ऐसा वहां पर मौजूद पुलिस वालों का कहना है। अब पहले जैसा कुछ भी नहीं रहा । अब यह शक्तिशाली मुख्यमंत्री का मंदिर है इसलिए अब ऐसा नहीं चलेगा।
दरअसल खोराबार स्थानीय क्षेत्र की एक महिला जब गोरखनाथ मंदिर में दर्शन के लिए गई तो घूमते घूमते तालाब की साइड में बने गेट से बाहर निकल गई और सामने ही चूड़ी लेकर जब वापस आई तो उसको गेट से प्रवेश नहीं दिया गया। जब दूसरे गेट से अंदर आई तो वहां उसके जूतें चप्पल जहां पहले उतारे जाते थे मंदिर के सामने वही उतारकर चली गई । तो उसका जूता वहां से फेंक दिया गया। फिर जैसे तैसे उसने अपना चप्पल लिया और मायूसी के साथ घर वापस चल दी।